
स्टार न्यूज़ एमपी डेस्क/भिण्ड
बेटियों के मामले में कई दशकों तक बदनाम रहे चंबल अंचल में कुछ दशकों पहले तक बेटे और बेटियों के लिंगानुपात मैं भारी अंतर देखने को मिलता था,जिले के कई गांव तो बेटियों को जन्म से पहले ही और कई जगह जन्म के बाद उनको मारने की कुरीतियों भी मौजूद थी, कई जगह तो उच्च शिक्षा से पहले ही बेटियों की शादी कर ससुराल भेज दिया जाता था, लेकिन समय के साथ बदलाव आया और सरकार और सामाजिक संगठनों द्वारा किए गए प्रचार प्रसार का नतीजा यह हुआ के आज चंवल अंचल के भिंड जिले में अब बेटियों के पैदा होने पर धूमधाम से ढोल नगाड़े और गाजे-बाजे के साथ उनके गृह प्रवेश करबाने की परंपरा शुरू हो चुकी है, यहां पर बेटियां बोझ नहीं बल्कि आदर सम्मान के साथ परिवार का मान बनती जा रही है,नवजात बेटियों के मान सम्मान से गृह प्रवेश का एक नजरा आज भिंड जिले के मेहगांव कस्बे के मुरैना रोड पर रहने वाले पुरुषोत्तम राजोरिया के यहां देखने को मिला, पहली बार उनके घर आई बेटी की बेटी यानी नातिन का नाना ने धूमधाम से ढोल नगाड़े के साथ गृह प्रवेश कराया,घर के दरवाजे पर नन्ही परी का स्वागत वंदन अभिनंदन किया गया और उसके पैरों की छाप ली गई उसके उपरांत परिजनों ने मिलकर केक काटकर गृह प्रवेश का उत्सव मनाया, पुरुषोत्तम राजोरिया ने बताया कि इस प्रकार के कार्यक्रमों से लोग मोटिवेट हो कर बेटियों का और अधिक आदर सम्मान करने के लिए प्रेरित होते हैं।इस दिशा में उनका एक छोटा सा प्रयास था।


Author: Star News MP



