
स्टार न्यूज़ डेस्क/भिण्ड
अटेर इलाके के एक सैकड़ा से अधिक गांव के लाखों लोगों को आगरा और दिल्ली की दूरी कम करने के अटेर घाट चंबल नदी पर 2016 में तत्कालीन सांसद भागीरथ प्रसाद के भागीरथी प्रयासों के चलते चम्बल नदी के अटेर घाट पर पुल निर्माण का कार्य शुरू हुआ था और उसकी समय सीमा 2019 तय की गई थी, लेकिन बार-बार पुल के स्ट्रक्चर में परिवर्तन को लेकर कर निर्माण कार्य डिले होता गया और 2023 तक पूरा नहीं हो सका है,हालांकि पुल का 90 फ़ीसदी का पूरा हो चुका है और दो-तीन महीने के अंदर ही पुल को चालू होना था, लेकिन सरकार द्वारा फंड रिलीज न करने के चलते कंपनी ने हाथ खड़े कर दिए और काम को बंद कर दिया है, स्थानीय लोग जो आने वाले दिनों में पुल चालू होने की उम्मीद लगाए हुए थे उनकी पुल जल्दी चालू होने की उम्मीद तो टूटी है साथ ही लोगों को अटेर से जैतपुर तक जाने के लिए वाया भिंड और उदी मोड़ के 70 किलोमीटर का रास्ता तय करना पड़ता है, जबकि अटेर से जैतपुर का रास्ता केवल 10 किलोमीटर का है, जिसके चलते उन्हें अधिक खर्चा तो बहन करना ही पड़ता है, साथ ही उनका समय भी बर्बाद होता है, उदी घाट स्थित चंबल पुल भी बीते कुछ महीनो से बड़े वाहनों के आवागमन के लिए बंद किया जा चुका है जिसके चलते लोगों को और भी परेशानी से जूझना पड़ता है,अटेर घाट पुल निर्माण कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि उनकी ओर से किसी प्रकार की देरी नहीं हुई है, सरकार द्वारा पहले पुल की चौड़ाई बढ़ाई गई जिसके चलते पुल निर्माण का कार्य डिले हुआ तो दूसरी ओर 2019 में एक बार फिर पिलर तक बाढ़ का पानी आने से पुल की ऊंचाई बढ़ाने को लेकर एक्सटेंशन किया गया समय सीमा एक बार फिर आगे बढ़ाई गई, वर्तमान में 90 फीसदी तैयार पुल के स्लैब को ऊंचा उठने के लिए कार्य करना पड़ा जिसमें काफी समय लगा, क्योंकि हिंदुस्तान में पहली बार है कि किसी लगभग तैयार पुल को डेढ़ मीटर ऊंचा किया गया है, अब एक बार फिर शासन द्वारा फंड जारी नहीं किए जाने के चलते कार्य से रुका हुआ है, पुल निर्माण कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने इसकी सूचना पीडब्ल्यूडी के वरिष्ठ अधिकारियों को भी दे दी है, लेकिन पुल पर जल्द यात्रा करने के आम आदमी के अरमान ठंडी बस्ते में है, और लोग इस बात को लेकर आक्रोशित भी है,आने बाले दिनों में होने बाले बिधान सभा चुनावों में भाजपा के खिलाफ आक्रोश आ सकता है सामने।




Author: Star News MP



